एक हजार का नोट
दोस्तो यह पोस्ट हर एक के लिए समझने जैसी है जरुर पढिएगा..
एक प्रख्यात वक्ता ने हाथ मेँ एक हजार की नोट ली,
और भाषण देना शुरु किया,
पुरा मैदान दर्शको से भरा हुआ था।
भाषण शुरु करने से पहले हजार की नोट सब को दिखाई
और
पुछा
यह हजार की नोट किस-किस को चाहिए?
धीरे धीरे एक के बाद एक हाथ खड़े हुए,
उसने कहा...
भले ही कितनो ने हाथ खडे किए,
मैँ हजार की नोट सब को दुंगा।
लेकिन मुझे कुछ करना है।
उसने वो नोट मरोड दी...
पुरे मैदान मेँ सन्नाटा छा गया..!!
उसने वो नोट वापस धीरे धीरे खोली और कहा..
अभी भी यह नोट किसी को चाहिए?
फिर से एक के बाद एक हाथ खडे हुए.!!!
उसने भले ही कहकर
वो नोट नीचे फेँककर अपने पैर से कुचलने लगा...:-(
रगदडने लगा,
नोट पुरी तरह सेँ खराब हो गई..!
फिर पुछा अब भी किसी को यह काली धुल से भरी खराब नोट चाहिए?
फिर से एक के बाद एक हाथ खडे हुए..!
‘मेरे प्रिये मित्रो.
आज बहुत खुब महत्व कि बात सिखने को मिली है.
आज हमने सिखा है।
कि,हजार की नोट को कुचला,मरोडा,खरा ब किया..
फिर भी हर किसी को चाहिए थी....!
क्योकिँ सब को मालुम था कि नोट का कोई भी हाल हुआ हो
लेकिन
उसकी कीमत घटेगी नही,
वो तो हजार रुपये कि नोट ही रहेगी ♥
इसी तरह जीवन मेँ
खराब संजोग से नीचे गिरते है,
खराब निर्णय कि भुल के कारण निराश होते है,
इसी नोट कि तरह
कुचले जाते है
और
एसा लगता हे कि
हम बिल्कुल निकम्मे हो गये।
लेकिन
एसा कभी होता नही
चाहे कुछ भी हो
अपनी कीमत कभु घटती नही
हम सभी ♥ खास ♥ है.
यह बात हमेशा याद रखना...!!